इंतज़ार रहता है मुझे उसका
जिसे हर कोई देखता है तख्ता
जो शायद है गुमशुदा खुद भी
रखता है मुझे भी जुदा -जुदा
प्यार करने की कोई हद्द नहीं
प्यार करनेवालों को मिलाने
जान उसकी भी कोई हद्द नहीं
गुमशुदा हो हुए जाते हैं हमसे
दूर-दूर से खबरें आतीं हैं उसके
चाहतों के रास्ते कभी कम नहीं
दुआओं की भी कमी होती नहीं
देखलो आज उनको जी भरके
वो गुल से गुलिस्तां हुए जाते हैं
~ फ़िज़ा
No comments:
Post a Comment