येशु महान है, हलिलुय, हलिलुय !
इस तरह बाइबिल का पाठ शुरू हुआ
वैसे मेरे पास कोई चारा भी तो न था
पादरी के दयालुता और मेहरबानियां
उस पर मेरा उनके प्रति आदर-सम्मान
बस हाथ जोड़कर शुरू की प्रार्थना और
जब बोले आत्मसमर्पण और आत्मत्याग
याद आया जॉन:४:३४ बाइबिल से जब
पढ़ा करती थी अपने पडोसी के लिए
पुरानी और नयी धर्म-पुस्तक बाइबिल
लगा क्या ये संशोधन है मेरा फिर से ?
अपने अधिकारों को किसी पे सौंपना,
सौंप भी दिया तो नौकरी देगा वो खुदा?
बेकरारी रोज़ी के लिए बिल जो भरना था,
मगर पादरी लगे समझाने और मैं ऊँघने
दूर से पत्नी ने कहा आज के लिए छोड़ दो
कल फिर कोशिश करना कामियाब होंगे
सच में लगा खुदा बोल उठे मुझे बचाने
किन्तु क्या कहा ? कल कामियाब होंगे?
इन्हीं सब ख्यालों में ऊंघते हुए मैं चली
प्रार्थना-जन बिखरे आखरी प्रार्थना के बाद
येशु महान है, हलिलुय, हलिलुय !
~ फ़िज़ा
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