Monday, October 28, 2019

दिवाली की हसीन रात है



दिवाली की हसीन रात है 
लालटेन से निकलती रौशनी 
घर के अंधेरों को चीरती हुई 
परिवार को संग रखती हुई 
दीप जलाने की अनुमति नहीं 
आँधियाँ करती है गुस्ताखियाँ 
संग ले जाने की देती हैं धमकियाँ 
उड़े लपटें आग की मशाल बनकर 
जलाकर ध्वंस इंसान का अहम् 
सीखाती है सभी को संयम नम्रता 
कहती है इंसान से आँख मिलाकर 
'तू नहीं किसी से बड़ा, न तेरा धन 
न ही कोई औदा सब है प्रकृति से कम'!! 

#happydiwali #humilitycheck 
#behuman #youcantbeatnature 
#agreeyouarehumanonly

~ फ़िज़ा 

वक्त के संग बदलना चाहता हूँ !

  मैं तो इस पल का राही हूँ  इस पल के बाद कहीं और ! एक मेरा वक़्त है आता जब  जकड लेता हूँ उस पल को ! कौन केहता है ये पल मेरा नहीं  मुझे इस पल ...