दिवाली की हसीन रात है
लालटेन से निकलती रौशनी
घर के अंधेरों को चीरती हुई
परिवार को संग रखती हुई
दीप जलाने की अनुमति नहीं
आँधियाँ करती है गुस्ताखियाँ
संग ले जाने की देती हैं धमकियाँ
उड़े लपटें आग की मशाल बनकर
जलाकर ध्वंस इंसान का अहम्
सीखाती है सभी को संयम नम्रता
कहती है इंसान से आँख मिलाकर
'तू नहीं किसी से बड़ा, न तेरा धन
न ही कोई औदा सब है प्रकृति से कम'!!
#happydiwali #humilitycheck
#behuman #youcantbeatnature
#agreeyouarehumanonly
~ फ़िज़ा
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