![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgmVsCCIptXHcged35T5Co2xAtbAwsEM4Be5CgCVPoCQm6Kqh8MREjU07_8qtH-gWO5LYmG8SGaJWnbsXj_pngyW4xZBnYBR7wuLHGV2JL85AXbxsGPcQlvgBmkOWI2qulJvlPQvw/s320/IMG-20170821-WA0010.jpg)
मेरे मिलन की रैना सजाने
ख़याल लेके आया दिन में
कैसी अदभुद है ये मिलन
जहाँ में मचा रखा कौतूहल
हर उस शर्मीली अदा को
समाबद्ध करते चले गए
हर किसी की नज़र में
प्यार नज़रबंद हुआ एल्बम में
रह गया समय का ये खेल
इतिहास के पन्नों पर जैसे
हमेशा के लिए इस मिलन को
दे दिया एक नाम सूरज और चाँद
के ग्रहण की गाथा जैसे अमर-प्रेम!
~ फ़िज़ा