जिस बात से डरती थी
जिस बात से बचना चाहा
उसी बात को होने का फिर
एक बहाना ज़िन्दगी को मिला
कोई प्यार करके प्यार देके
इस कदर जीत लेता है दिल
न हम जी पाते हैं उसके बगैर
मरते हैं पर उसकी हर अदा पर
ज़िन्दगी जीने का एक बहाना
जो देती है सभी को हर पल
उसके जाने का ग़म गहरा है
जिस कदर वो नस-नस में बसी
मुश्किल है इस दर्द की हद पाना
ज़र्रे-ज़र्रे में है यादों का नगीना
समझ न आये उसके जाने का
या फिर उसके ज़िंदादिली का
जश्न मनाएं !?!
~ फ़िज़ा
1 comment:
अच्छी जानकारी !! आपकी अगली पोस्ट का इंतजार नहीं कर सकता!
greetings from malaysia
let's be friend
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