Thursday, May 09, 2019

डट के रहना निडर होकर नज़रें मिलाना



हलकी सी ही सही राहत मिली मुझे,
गर्दिश में जब हों हमारे सितारे,
आँख से आँख मिलाकर जियो प्यारे 
लोग बुरे दिनों को याद ज़रूर दिलाएं 
मगर आप इन सब से न मुँह मोड़ें 
ग़म न कर किसीका जब खुद हादसों से गुज़रे 
डट के रहना निडर होकर नज़रें मिलाना 
के मौत से ज्यादा क्या गनीमत है और होना ?

~ फ़िज़ा 

अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !

  गुज़रते वक़्त से सीखा है  गुज़रे हुए पल, और लोग  वो फिर नहीं आते ! मतलबी या खुदगर्ज़ी हो  एक बार समझ आ जाए  उनका साथ फिर नहीं देते ! पास न हों...