ज्योति, जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ

उसकी सादगी सीरत से है सूरत से नहीं उसका दिल भी किसी हीरे से कम नहीं ! जहां गंभीर हो स्तिथि तो सवेंदन कम नहीं वहीँ गाना बजे तो ठुमकेदार इस सा नहीं ! बातें तो सब करते हैं ये भी कोई कम नहीं जब आँखों से बोलतीं हैं उसका जवाब नहीं ! फुर्ती है मस्ती है बच्चों सी संस्कारी कम नहीं ये 'ज्योति', इसका प्रकाश दिये से कम नहीं ! ऐसी दोस्त सबको मिले जो फर्क करती नहीं आज मिलो या बरसों उसका प्यार घटता नहीं ! 'फ़िज़ा' यही दुआ करे तेरी खुशियों में कमी नहीं पचास साल और आये किसी की लगे नज़र नहीं ! खुश रहती है ख़ुशी बांटकर कमज़ोर तो है नहीं सादगी और मोहब्बत को समझना निर्बल नहीं !!! ~ फ़िज़ा