Saturday, April 04, 2020

करोना की भारी बंदिशें



मौसम की हलकी बूँदें 
करोना की भारी बंदिशें 
अरमान होते नहीं कभी पूरे
खवाब ही सही खवाब के 
बादलों की उदास साजिशें 
मगर दिल की आजमाइशें 
इन सभी की हो रही रंजिशें 
मगर मोहब्बत का क्या है  
हर तरफ गुलाबी-गुलाबी 
कब पूरी होतीं हैं गुंजाइशें 
जब बुलंद हैं आजमाइशें 
करोना लाये नयी बंदिशें !

~ फ़िज़ा 

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