Sunday, April 26, 2020

उस रात जब मैं रास्ता भूल गयी थी


हर सुबह गीतों का अनुवाद किया करती,
येशु महान है  उसकी सेवा में ही महिमा है 
ऐसा वक़्त भी होता था जब पादरी की बीवी 
सब्ज़ियां कटवाती, नरियत खिस्वाति और 
उन्हें जिपलॉक में डालकर फ्रिज में रखती 
एकाध बार ठीक है मगर ये रोज़ का काम हुआ 
मैं किराया तो देती हूँ फिर ये सब क्यों करवाते थे?
एक दिन यमुना से मिलने उसके काम पर KFC पर गयी 
व्यस्त थी ग्राहकों के साथ मगर बातें करती बीच में 
उससे बातें करते हुए पता चल ये सब योजना थी 
यमुना का किराया बढ़ाया गया ताके वो वहां से निकल जाये 
हमारी बढ़ती दोस्ती पादरी और बीवी को नापसंद जो थी 
बहुत ही मतलबी सा लगा ये सब किसी को बेवजह तंग करना 
मैंने अपनी तरफ की कहानी भी सुनायी और यमुना ने कहा 
तुम्हें उनके घर का काम नहीं करना चाहिए तुम किरायेदार हो,
खैर यही समझ आया के मुझे किसी को भी ना कहना नहीं आया !
मैं अन्य जगहों पर नौकरी की अर्ज़ी भेजा करती पोस्ट द्वारा 
एक-दो इंटरव्यू के लिए भी गयी थी मगर 
यही  जाना के हर जगह मैं अधिअहर्ता थी 
सप्ताहांत मैं काफी व्यस्त रहती और घर देर से पहुँचती 
शहर से घर तक की दुरी काफी थी दोनों एक छोर से दूसरे छोर थी 
एक रात मैं अपना स्टॉप भूल गयी और एक सुनसान जगह पर उतरी 
एक खास बात विकसित देशों में गली की बत्ती नहीं होती 
ये मेरे लिए काफी अजीब बात थी क्यूंकि भारत में तो हर जगह थी 
गाओं में शायद नहीं हो पर अब तो वहां भी बिजली आगयी है  
अँधेरे में रास्ते का पता-नाम पढ़ना मुश्किल था और मैं पहुंची गतिरोध पर 
जल्दी से यहाँ -वहां देखा एक टपरी दूकान नज़र आयी,
दौड़ी जल्दी से उस तरफ और पुछा क्या एक फ़ोन कर सकती हूँ ?
वहां एक सार्वजनिक फ़ोन था मगर मेरे पास चार आना नहीं था 
वहां एक बंदा दूकान से बाहर आते नज़र आया तो ,
तो मैंने २ डॉलर के छुट्टे देने का अनुरोध किया 
बंदा अजीब तरह से देखते हुए चार आने वहां के देकर चल दिया 
धन्यवाद कहते हुए मैंने पादरी के घर फ़ोन लगाया 
पादरी की बीवी ने फ़ोन उठाया और मैंने कहाँ, ' आंटी में रास्ता खो चुकी हूँ 
उन्होंने पुछा किस चौराहे पर हो नाम बताओ?
घूमकर देखा और चौराहे का नाम दिया 
उन्होंने कहाँ वहीं इंतज़ार करो हम आकर साथ ले जायेंगे,
मैं डरी थी, मैं थकी थी, चिंतित भी के सब का परिणाम क्या होगा?
देखा जब मैंने दूर से टॉम अपनी कार में था !!!

~ फ़िज़ा 

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