Saturday, April 13, 2019

शुक्रिया



फूलों का गुलदस्ता
नज़र आता है मुझे 
उसका चेहरा,
खिला हुआ रंग 
हँसता हुआ कमल 
नज़र आता है,
खूबसूरत बहुत
उसपर लाज की 
लालिमा कातिल, 
किसे कहें हम 
ज़ालिम अब 
बनानेवाले तेरा,
शुक्रिया अदा करे 
वो भी और 
हम भी!

~ फ़िज़ा  

1 comment:

Harpreet Babbu said...

Kya baat......

अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !

  गुज़रते वक़्त से सीखा है  गुज़रे हुए पल, और लोग  वो फिर नहीं आते ! मतलबी या खुदगर्ज़ी हो  एक बार समझ आ जाए  उनका साथ फिर नहीं देते ! पास न हों...