फूलों का गुलदस्ता
नज़र आता है मुझे
उसका चेहरा,
खिला हुआ रंग
हँसता हुआ कमल
नज़र आता है,
खूबसूरत बहुत
उसपर लाज की
लालिमा कातिल,
किसे कहें हम
ज़ालिम अब
बनानेवाले तेरा,
शुक्रिया अदा करे
वो भी और
हम भी!
~ फ़िज़ा
1 comment:
Kya baat......
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