दो दिल प्यार में
डूबे हुए भीगे हुए
एहसास जो दबे
भावनायें मचले हुए
रहते दूर-दूर मगर
दिल रहे आस-पास
जैतून के पेड़ पर
रोज़ मिलने का बहाना
और न मिले तो फिर
देर-देर तक आवाज़ देना
तुम्हारी याद आती है
चले आओ की बैठक
बुलाती है !
~ फ़िज़ा
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