समय के साथ दिन महीने साल भी
गुज़रते पलों की एक यादगार लड़ी
सजाते-सजाते ये ख्याल भी न रहा
कब कली से फूल बन गयी मेरी रिया
बच्ची तो बच्ची है कहना तो सही भी है
मगर बच्चे तो नहीं मानते या समझते
अरमान तो यही है फूलो-फलो हरदम
ज़िन्दगी जियो मगर अपने दम पर
सही-ग़लत जो दिल को ठीक लगे
वही राह पकड़ना गर फैसला कहीं
चूक गया तो सबक ज़रूर सीखना
पश्चाताप न हो इसका ख्याल रखना
जीवन एक है इसे भरपूर जीना हमेशा
किसी बात पर रोना आये तो आँसू
बहा देना मगर दिल को समझा लेना
गर किसी बात पे हंसी आजाये तो
सबके संग मिलकर हंसना हँसाना
भेद-भाव किसी से न करना और
जाती-धर्म के चक्करों में न पड़ना
दिल से इंसानियत का धर्म पालना
बस इतनी सी है ज़िन्दगी इसीलिए
सोचकर चुनना आंसू और ख़ुशी
कैसे बिताना है और कैसे जीना है
ज़िन्दगी आइस क्रीम की तरह है
समय के साथ हो तो चखने का मज़ा
वर्ना पिघल जाये तो उसे पीने की सजा
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं रिया
भरपूर जियो ज़िन्दगी खुश रहे सदा उन्नति !
~ फ़िज़ा
No comments:
Post a Comment