ज़िन्दगी

 


ज़िन्दगी कभी एक इत्तेफाक है तो 
कभी-कभी ये सेहमति भी है ज़िन्दगी 
जब ज़िन्दगी ख़त्म सी दीखती है तब 
एक सुराग रौशनी की चली आती है  
ज़िन्दगी दूभर हो सकती है बरसों तक 
संयम और धैर्य राहत को राह दिखाते हैं 
शायद ऐसा ही कुछ हुआ था आज जो 
फुर्ती सी आगयी फिर ज़िन्दगी एक बार 
वाक़ई! ज़िन्दगी एक इत्तेफाक ही तो है !

~ फ़िज़ा 


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