Wednesday, April 07, 2021

क्या सही?


 

आज का दिन कैसा गुज़रा ये सोचना सही 

मगर खोये वक्त को याद करना कितना सही?


रोज़-रोज़ ये सोचना आज ये करना है आज वो 

रोज़ वक्त गुज़र जाने के बाद सोचना कितना सही?


आलस की हवा गुज़र रही है आजकल यहाँ-वहां 

बड़े-बड़े काम करने की प्रतिबद्धता कितना सही ?


जीना मरना एक समान ये जीवन का खेल 

मगर बची ज़िन्दगी तनाव में बिताना कितना सही?


प्रोत्साहन और उसकी प्रतिक्रिया सभी अच्छा है 

ऐसा भी प्रोत्साहन जो आराम न दे कितना सही ?


~ फ़िज़ा 

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