Tuesday, April 13, 2021

खुशबु बहारों की

 



बहारों का मौसम है रंगों में घुल जाओ 

खुशबु बहारों की यूँ  फूलों में रम जाओ 

फूलों की बात हुई वहीँ भँवरे भी चले आये  

मोहब्बत है मिलन के आसार नज़र आये 

गुंजन गूंजने लगे फूलों पर मंडराने लगे 

मोहब्बत की दास्ताँ यूँ ही खुशबु फैलाती है 

बहारों का मौसम है रंगों में घुल जाओ 

खुशबु बहारों की यूँ  फूलों में रम जाओ 


~ फ़िज़ा 

1 comment:

पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा said...

वाह, बहुत खूब। ।।।।

अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !

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