बहारों का मौसम है रंगों में घुल जाओ
खुशबु बहारों की यूँ फूलों में रम जाओ
फूलों की बात हुई वहीँ भँवरे भी चले आये
मोहब्बत है मिलन के आसार नज़र आये
गुंजन गूंजने लगे फूलों पर मंडराने लगे
मोहब्बत की दास्ताँ यूँ ही खुशबु फैलाती है
बहारों का मौसम है रंगों में घुल जाओ
खुशबु बहारों की यूँ फूलों में रम जाओ
~ फ़िज़ा
1 comment:
वाह, बहुत खूब। ।।।।
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