आसमान को आज गौर से देखा
कभी चाँद और बादल तो पंछी
मगर आसमान को कम ही देखा
चाँद ने अपनी अदा से खींचा
बादलों ने अपनी उड़ान से सींचा
पंछी हमेशा गीतों में उलझते रहे
और आसमान को कम ही देखा
आज नज़ारे कुछ अलग थे
समां भी कुछ यूँ ज़मीन से जुडी
यंत्रों को सजाकर आसमान से
दोनों का संगम कुछ यूँ हुआ
आसमान को आज करीब से देखा
चाँद को नज़रों के करीब देखा
कुछ पल के लिए घर अपना लगा
सितारों को भी जी भर के देखा
शाम की रंगत में छिपे थे जो
अँधेरा होते ही सबको देखा
आसमान को आज गौर से देखा
चमकीले सितारों को देखा
युरेनस, सीरियस ग्रहों को देखा
जितने भी करीब से उन्हें देखा
उनमें सिर्फ चाँद ही अपना लगा
आसमान करीब से अच्छा लगा
सितारे वैसे भी दूर ही लगे
अब उनसे कोई गिला भी नहीं
मेरे चाँद से तो दूर ही लगे
आसमान करीब से अच्छा लगा !
~ फ़िज़ा
कभी चाँद और बादल तो पंछी
मगर आसमान को कम ही देखा
चाँद ने अपनी अदा से खींचा
बादलों ने अपनी उड़ान से सींचा
पंछी हमेशा गीतों में उलझते रहे
और आसमान को कम ही देखा
आज नज़ारे कुछ अलग थे
समां भी कुछ यूँ ज़मीन से जुडी
यंत्रों को सजाकर आसमान से
दोनों का संगम कुछ यूँ हुआ
आसमान को आज करीब से देखा
चाँद को नज़रों के करीब देखा
कुछ पल के लिए घर अपना लगा
सितारों को भी जी भर के देखा
शाम की रंगत में छिपे थे जो
अँधेरा होते ही सबको देखा
आसमान को आज गौर से देखा
चमकीले सितारों को देखा
युरेनस, सीरियस ग्रहों को देखा
जितने भी करीब से उन्हें देखा
उनमें सिर्फ चाँद ही अपना लगा
आसमान करीब से अच्छा लगा
सितारे वैसे भी दूर ही लगे
अब उनसे कोई गिला भी नहीं
मेरे चाँद से तो दूर ही लगे
आसमान करीब से अच्छा लगा !
~ फ़िज़ा
#happypoetrymonth
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