आदमी-औरत का भेदभाव यहाँ भी



देख उसकी कहानी आज
दर्द हुआ कहीं सीने में आज
जाने कितने ही त्याग स्त्री करे
उसे साधारण ही समझा जाए
वहीं गर वो पुरुष करें तो हाय -हाय !
देख विन्नी मंडेला की कहानी
अफ़सोस हुआ और आँखों में पानी
हर तरह के भेदभाव संसार में होते हैं 
आदमी-औरत का भेदभाव यहाँ भी
वो भी पति करे पत्नी पर हाय-हाय !
कालकोठरी में बिताये २७ साल
कार्तिकारी बनकर टिकी पत्नी बेहाल
निकाल लायी पति को जेल से बाहर
साथ रही हर दुःख-सुख संग बिताये
पद और पत्नी में, छोड़ा पत्नी को हाय -हाय !  

~ फ़िज़ा 
#happypoetrymonth

Comments

Popular posts from this blog

मगर ये ग़ुस्सा?

फिर बचपन सा जीना चाहती हूँ...

प्रकृति का नियम