जितना सताएगी तू ज़िन्दगी
उतना ही प्यार करेंगे ज़िन्दगी
सितम हर तरह के तू ढायेगी
तब्बसुम से सेह लेंगे ज़िन्दगी
कठिनाईयाँ तो कई आएँगी
उतना ही कायल हमें पायेगी
हर घूँट में कड़वाहट भरी होगी
ज़हर पीने में मज़ा तभी आएगी
जितना हमें तू रोज़ तड़पायेगी
जीने का मज़ा लूट लेंगे ज़िन्दगी
कौन जीता है जीने के लिए ज़िन्दगी
तुझे झेलकर देखना है, क्या है ज़िन्दगी !
~ फ़िज़ा
उतना ही प्यार करेंगे ज़िन्दगी
सितम हर तरह के तू ढायेगी
तब्बसुम से सेह लेंगे ज़िन्दगी
कठिनाईयाँ तो कई आएँगी
उतना ही कायल हमें पायेगी
हर घूँट में कड़वाहट भरी होगी
ज़हर पीने में मज़ा तभी आएगी
जितना हमें तू रोज़ तड़पायेगी
जीने का मज़ा लूट लेंगे ज़िन्दगी
कौन जीता है जीने के लिए ज़िन्दगी
तुझे झेलकर देखना है, क्या है ज़िन्दगी !
~ फ़िज़ा
#happypoetrymonth
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