Sunday, April 07, 2019

चलते ही चले जाना है



चलते ही चले जाना है 
यहाँ से वहाँ  तक तो
वहाँ से यहाँ तक सभी
सफर ही तो कर रहे हैं 
मंज़िल की तलाश में 
मंज़िल की ओर कभी 
कभी यूँही घूम हो जाने 
चलते ही चले जाना है 
यहाँ से वहां तक तो। 
बादलों का कारवाँ 
वहां भी है यहाँ भी
बात वोही ढूंढ़ते हुए 
शायद वो जानते हैं 
मगर हमारी तलाश 
अब भी है ज़ारी यहाँ 
वहां भी है भीड़ यहाँ भी 
चलते ही चले जाना है 
यहाँ से वहां से तक तो


~ फ़िज़ा 

2 comments:

Harpreet Babbu said...

Kya baat

Dawn said...

Shukriya

अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !

  गुज़रते वक़्त से सीखा है  गुज़रे हुए पल, और लोग  वो फिर नहीं आते ! मतलबी या खुदगर्ज़ी हो  एक बार समझ आ जाए  उनका साथ फिर नहीं देते ! पास न हों...