मुझे अब कोई दर्द नहीं होता
किसी बात का न लफ्ज़ का
न किसी रवैये का नज़रअंदाज़ का
मुझे जितना भी चाहो हराना
मुझ से जितनी भी कर लो नफरत
मेरी न करो इज्जत न इजाजत
सामने होकर भी अनदेखा करलो
कोई सवाल पर जवाब भी न दो
मैं इन सब से आगे निकल गयी हूँ
अब सबकुछ सुन्न सा पड़ गया है
मुझे दर्द नहीं होता न ही कोई गिला
शायद तुम लाख कोशिश कर रहे हो
अफ़सोस ये सब व्यर्थ है परिश्रम
इसका एहसास दिलाया तुम्हीं ने
और अब मैं आज़ाद हूँ हर ख़याल से
अब कोई दर्द नहीं न आकांशा मेरी
अब सब ठीक है और अत्यंत शांति है
~ फ़िज़ा
1 comment:
Bohat khoob Usha ji
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