Wednesday, April 24, 2019

मेरा दिलबर चाँद है वो



दूर रास्ते चले आये हम 
जाने-अनजाने मिले हम 
देखो तो सही कौन है वो 
मेरा दिलबर चाँद है वो 
देखा जो उसे इस तरह 
जलन से भरा दिल मेरा 
मैं भी बैठूंगी गोद तुम्हारे 
ऐसा ही हट मैंने किया 
देख-देख दुखी हुआ 
बस आंव न देखा तांव 
तस्वीर लेने दिल मचला
दीवानी 'फ़िज़ा' क्या होगा !

~ फ़िज़ा 

2 comments:

Harpreet Babbu said...

Bohat khoob Usha ji.

Dawn said...

Dhanyavaad!

करो न भेदभाव हो स्त्री या पुरुष !

  ज़िन्दगी की रीत कुछ यूँ है  असंतुलन ही इसकी नींव है ! लड़कियाँ आगे हों पढ़ाई में  भेदभाव उनके संग ज्यादा रहे ! बिना सहायता जान लड़ायें खेल में...