ज़िन्दगी अकेले जीने के मज़े अलग हैं
जहाँ मौज समझते हैं वहीँ मायूसी भी
लेकिन अगर अपना लक्ष्य साध लो
फिर कोई तुम्हें नहीं रोक-टोक सकेगा
मेरा लक्ष्य यहाँ तात्कालिक ठहरना था
कॉल सेण्टर में सेल्स में ध्यान देना था
प्रशिक्षण को गंभीरता से लिया और
उत्पाद को बेचना है उसे बेहतर जाना
उसके फायदे को समझ अपने लिए सोचा
एक बात अपने बारे में ये तैय थी
अगर दिल को भा गया उत्पाद तो फिर
किसी को भी बेचने में मुश्किल नहीं होती
मैंने इसी तरह दिल से बेचे वो सारे उत्पाद
जहाँ कभी भी बेचने का हौसला नहीं था
वहीं दर्जनों के हिसाब से मैंने उत्पाद बेचे
मेरी नौकरी अजीब थी बेचना काम था
मगर शाम ४ बजे ११ बजे तक रात के
लोगों के घर पहुँचती जहाँ अभी ९ न बजे हों
दर-दर जाकर सेल्स करते सुना था देखा भी
मगर फ़ोन पर टेलीमार्केटिंग करते हुए ये
मेरा पहला अनुभव था !
~ फ़िज़ा
No comments:
Post a Comment