मराठी महिला ने कहा था हमसे फ़ोन पर
घर पर पति होंगे सामान लेकर चली आना
हमने भी कहा पादरी छोड़ने आ रहे हैं घर पर
चौकन्ना उन्होंने अपने पति को भी कर दिया
येशु के गीतों को सुनते हुए किंग स्ट्रीट पहुंचे
डाउनटाउन जगह है काफी हलचल थी यहाँ
दो मजले का टाऊनहाल था महिला का घर
दरवाज़ा खटखटाने तक पादरी दौड़ के आये
उनके पति ने दरवाज़ा खोलते ही परिचय दिया
हमने भी हाथ बढाकर परिचय दिया और फिर
कहा ये हैं पादरी मुझे छोड़ने आये हैं यहाँ
महिला के पति ने मुस्कुराकर कहा पादरी से
गाडी ग़लत जगह खड़ी है पुलिस ले जाएगी
पुलिस का नाम सुना और पादरी झट दौड़े
उसके बाद मैंने फिर कभी पादरी को नहीं देखा
घर पर अच्छा स्वागत किया गया मेरा और
मराठी महिला के पति जो की गोवा से थे
अच्छा सत्कार किया कमरा भी दिखाया
शाम अजीब थी कुछ खोया कुछ पाया
ऐसे ही एक एहसास से भरी शाम थी वो
महिला की ९ साल की बेटी संग बीता शाम
पति भी मुवनपीक में रेस्टोरेंट मैनेजर है
मुझ से कहा ज्यादा पैसे कमाने है तो
मेरे रेस्टोरेंट में २-३ घंटे के पैसे मिलेंगे
यहाँ बिना किराये दिए रेहा सकती हो
तनख्वा बचाकर घर ले सकती हो अपना
ये सुनकर मैं सोच में पड़ गयी, मिया-बीवी
ज़मीन आसमान का फरक है इन दोनों में
और मैं सोचते रेहा गयी किसे दुआ दूँ यहाँ !
~ फ़िज़ा
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