तो बात हम कर रहे थे
पादरी की बेटी जिसने
हमें दुनिया दिखाना चाहा
बस से उतरे और क्या देखा
हलचल थी वही बाजार जैसी
ज़ोर से लाउडस्पीकर बज रहा था
गीत अभी भी याद है कौनसा था
'तू मेरा तू मेरा तू मेरा हीरो नंबर वन'
मेरी आँखों में आँसू आ गए थे
पादरी की बेटी यही तीव्रता देखना चाहती थी
मुझे अपने देश को छोड़े एक महीना ही हुआ था
मुझे अपना देश बहुत याद आ रहा था
यही बात थी की मैं हिंदी गीत सुनकर
रो पड़ी और ज़ोर से रोई जहाँ कोई बंदिशें नहीं थीं
यही दृश्य देखकर पादरी की बेटी घबरा गयी
पूछने लगी आप ठीक तो हो? मैं तो बस
आपको दिखाना चाहती थी ये जगह
मुझे यकीन था आपको पसंद आएगी
ये है जेरार्ड स्ट्रीट, नाम अंग्रेजी
मगर अपना एक छोटा सा देश समाता है यहाँ
भारतीय गली-कूचों सा जैसे दिल्ली में
कन्नौट प्लेस या फिर पुणे में लक्ष्मी रोड
भरी बाजार भीड़-भाड़ जैसे कोई मेला हो
ज्यादा देर तो हम नहीं थे वहां क्यूंकि
पाबंदियां जो थीं हमें पादरी के घर से
वो दिन और दृश्य मन में संजोया है
जैसे कोई आपको पलछिन दे और
कहे जी ले ज़िन्दगी मगर अब चलना है
मुझे याद है हमने भुट्टे खाये और निकले
वही टी टी सी स्ट्रीटकार, ट्रैन और बस
घर पहुंचे चुपके से देखा कोई नहीं था
पादरी की बीवी अधिक समय काम पर थी
उन्हें उसके ज्यादा पैसे मिलते हैं
यहाँ सब कुछ प्रतिघंटे के हिसाब से है पैसा
सभी को है करनी मेहनत अपने पेट के खातिर
उस रात बहुत ग़मग़ीन थी इसीलिए
पादरी की बेटी संग बिताये दिन
कुछ अच्छे पल उस संग देखा उस दिन
जॉर्ज क्लूनी कौन हैं ये भी जाना उस दिन
मैंने तेहै दिल से शुक्रिया अदा किया
उस दिन का और पादरी की बेटी का !
~ फ़िज़ा
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