शाम को नौकरी से घर लौटी
रात का खाना खा चुकी थी मैं
पादरी ने कहा कुछ बात करनी है
पादरी की बीवी बच्चे घर पर नहीं होते
दिन में मेरे जैसे जवान पादरी के साथ आप
लोग बातें करने लगेंगे हमारे तुम्हारे बारे में
इसीलिए आप ये घर छोड़कर दूसरा घर ले लें
मैं हैरान रेहा गयी भला मेरे पिता की उम्र के
इन्हें और मुझे कौन बदनाम करना चाहता है
मैं सोच ही रही थी की पादरी ने कहा, सुनो..
तुम क्यों नहीं मेरा दूसरा घर जो खाली है
किराये पर ले लो दो बैडरूम का घर है
तुम जितनी जल्दी हो वहां बदली करलो
सुनकर अजीब लगा एक जान और दो बैडरूम
इतने बड़े घर का मैं अकेली क्या करूंगी
और तो और ५०० डॉलर किराया भी ?
अभी का किराया भी मुश्किल से चलता है
यकीनन पादरी भी जानते थे मेरी हद्द क्या है
मगर एक मानसिक यातना देने का एक तरीका
उस रात मैं परेशानी में सोने गयी येशु घुर्र रहे थे
मैं भगवान से पूछ रही थी क्या यही सजा है ?
धर्म बदलो वर्ना मानसिक यातना ही सहो
सोचते- सोचते कुछ सूझा नहीं और सो गयी
दूसरे दिन सुबह उठकर काम पर जाने लगी
तभी पादरी वही प्रार्थना के लिए न उठने की बात
वोही पुरानी गड़े-मुर्दे उखाड़ने लगे बात समझ गयी
पादरी से मैंने मॉफी मांगी और कहा चाहो तो पैर पकड़ती हूँ
मगर जो हो गया मैं उसके लिए कुछ और नहीं कर सकती
उन्होंने एक नहीं सुनी और बस ताने देते रहे
मेरे पास कोई जवाब नहीं था सो मैं रोने लगी
मेरे बस का समय हो रहा था सो मैं रोते हुए निकली
~ फ़िज़ा
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