बस इंतज़ार है के कब दीद हो रंगीन फ़िज़ा में !!



किसी के रहते उसकी आदत हो जाती है 
उसके जाने के बाद कमी महसूस होती है !
हर दिन के चर्ये का ठिकाना हुआ करता है  
अब जब गए तो राह भटके से ताक रहे हैं !
जब साथ रहते हो तब उड़ जाते हैं हर पल
अब काटते नहीं कटते ठहर गए सब पल ! 
महसूस हो गया है तुम्हारे रहने और न रहने में 
बस इंतज़ार है के कब दीद हो रंगीन फ़िज़ा में  !!

~ फ़िज़ा 

Comments

paulgaware said…
Wawh sahi kaha
Regards
Paul

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