नीम की निबोरी ने कहा
अभी मैं कच्ची हूँ
खुशबु में सच्ची हूँ
थोड़ा दिन और दो मुझे
पक्की हो जाऊँगी
मीठी बन जाऊँगी
तब खा भी लोगे मुझे
तो नहीं पछताऊंगी
जाते-जाते कुछ
गुण दे जाऊँगी
अभी मैं कच्ची हूँ
खुशबु में सच्ची हूँ !
कड़वी मैं लगती हूँ
सुन्दर भी लगती हूँ
हरियाली है रंग मेरा
गुणवान है अंग मेरा
सभी को न भाऊँ मैं
जानते हैं सब लाभ मेरा
रखें सब पास मुझे
या रहते हैं पास मेरे
अभी मैं कच्ची हूँ
खुशबु में सच्ची हूँ !
अभी मैं कच्ची हूँ
खुशबु में सच्ची हूँ !
~ फ़िज़ा
No comments:
Post a Comment