Friday, May 19, 2017

एक घबराहट



एक घबराहट 
कुछ अजीब सा 
जैसे पेट में दर्द 
जाने क्या हो 
कोई अंदेशा नहीं 
धड़कन की गति 
बेचैन करती 
क्यों अंत यहीं हो 
मेरा के मुझे 
मालूम ही न हो 
के किस बात की 
थी ये घबराहट !!!

~ फ़िज़ा 

No comments:

अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !

  गुज़रते वक़्त से सीखा है  गुज़रे हुए पल, और लोग  वो फिर नहीं आते ! मतलबी या खुदगर्ज़ी हो  एक बार समझ आ जाए  उनका साथ फिर नहीं देते ! पास न हों...