करना है आरंभ !

ज़िन्दगी में कुछ हसीन पल यूँही चले आते हैं बिखेरने खुशियां ! कभी कुछ सोचकर नहीं यूँही एक पल में लिया हुआ फैसला ! वो वक़्त भी आ गया जब सीखे हुए कला का करना है प्रदर्शन ! कई भावनायें हैं मन में गुरु दक्षिणा एवम गुरु के आशीर्वाद से करना है आरंभ ! ~ फ़िज़ा