जैसी करनी वैसी भरनी ...!

जैसी करनी वैसी भरनी 
सुनी और पढ़ी थी हमने 
मिली सीख बहुतों से ज्ञानी 
लेकिन जो न सीखे औरों से 
पड़ती है उन्हें मुंह की खानी 
औरों की ग़लतियों से न सीखे 
सीखे खुद ग़लती करके हम विज्ञानी 
जैसे हमने की होशियारी 
वही हमको मिली सजा दीवानी 
खुद ग़लत कर बैठे आज सोचने 
सही कहा था जिसने भी कहा था 
जैसी करनी वैसी भरनी 
~ फ़िज़ा 

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