सुख हो या दुःख हो
मातम हो या हर्षोउल्लास
एक सिपाही अपने ही
सीमा में और पोशाक में
रहता है और सुरक्षा देता है
काश हम सब भी ऐसा ही
अपने घर में और संसार में
एक ही किरदार इंसानियत का
निभा सकते !?!
सोचती हूँ तो दर्द बढ़ता है
तुम्हारे और तुम्हारे परिवार का
हर बलिदान सर आँखों पर
हर ख़ुशी और सुखों के पल
तुम सभी का ऋणी है हर पल
कह न सके या सुन न सके तो
दिल की दुआ दिल से यही है
हमारी ख़ुशी के दो पल आपको
दुःख के दो पल हमको !?!
जय हिन्द सेनानियों
तुम इंसान से परे हो
तभी तो फौलादों की तरह
सीमा पर खड़े रहते हो
चट्टानों से लड़कर भी
हमें उसकी आंच से बचाते हो
काश हम भी ज़िन्दगी की
बड़ी हक़ीक़त को जानकर
तुम सा बन पाते !?!
इस साल की दिवाली के दीये
तुम्हारे नाम जलाएं चलो साथी
दुआओं में तुम्हारी सलामती
सर्व-संपन्न रहे परिवार तुम्हारा
एक वो पल आये जीवन में तुम्हारे
जहाँ हम रहे तुम्हारी जगह और
तुम रहो हमारी जगह साथी
दुःख और सहनशील क्या है
पता तो चले हर नागरिक को हमारे !?!
जय हिन्द #Sandesh2Soldiers
~ फ़िज़ा
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