जब कुछ पल अपने साथ बिताया तो अनायास ये इच्छा पुरी होती नज़र आई! ज्यादा कुछ यहाँ कहे बगैर आगे का
ब्यौरा नीचे लिखित शब्दों में... चित्रकारी स्वयं फिजा़ के हाथों....;)... किसी भी गुस्ताखी़ के लिऐ पेहले से ही खे़द है।
खाली वक्त है
और दफ़्तर की मेज़ है।
काम न हो तो भी,
काम जताने की रीत है
जब काम ही न हो
तो भला क्या काम करें
के वक्त कट जाऐ।
ये वक्त काटना भी क्या काम है...!?!
पहाड़ खोदने से न कम है
मेरी असमंजस तो देखो
कभी कंप्युटर स्क्रीन देखूँ
तो कभी सामने रखे
टिशु बौक्स को।
हो न हो इस एकांकीपन में
टिशु बौक्स पर बनी चिडी़या
फूल, पत्ती और उसकी डाली
इन सब से दिल लगा बैठी, ये 'फिजा़'!
उठाया पेंसिल हाथ में
और कर ली चित्रकारी
शुरूआत टिशु पेपर से,
फिर प्रिंटाउट पेपर और
फिर नोट-पैड पर...
यकायक ऐसा लगा
मानो मुझ में अभी है और अरमान
पंछी संग उड़ती पुरवाई
मानो इस दिल ने जाना
फूलों की खुश्बूओं को
जैसे मेहसूस किया
मन विचलित होकर
उड़ने लगा...कहीं दूर
इस औफिस केक्युबिकल से
वहाँ, जहाँ वक्त की
कोई पाबंदियाँ नहीं
और किसी की
तानाशाही भी नहीं।
अपनी चित्रकारी देख
मन स्वयं दाद देने लगा
मानो एक और कला का जन्म हुआ
दिल सोच में फिर घुम होने लगा
क्या मैं एक चित्रकार हुँ?
जिंद़गी इतनी भी बूरी नहीं के
चित्रकारी से गुजा़रा न हो पाऐ...
ऐसे ही कुछ सुनहरे पल
आज औफिस के
क्यूबिकल में बिताऐ।
~ फिजा़
7 comments:
grt sketch! really loved them
अच्छे स्केच है और वर्णित भी बहुत सुंदरता से किया है.
समीर लाल
dhanya ho devi
mohtarma aap ne kaseedakaari to achi ki hai
shabd hi nahi hain
ek aur to aap ki sher-o-shayari me dakhal andazi hai
idhar aap chitrakari bhi kar rahi hain
kya khoob hai
Lage rahe
manish: Thanks so much dear! tumhari baatein waqai mera housla barhati hain....:) sahi waqt per laut aaye tum
Cheers
उडन तश्तरी: Sameer ji aapka bahut bahut shukriya jo aapne yahan aakar hamara housla barhaya :)
DHanyawaad
kumar chetan: janaab-e-aali aap kahan rahe itne din...waqai programming kar rahe the ya...vacation per nikal gaye the...jo bhi ho aapke bina angan suna sa raha :)...aapki duaon ka bahut bahut shukriya
Cheers
nagu: Thank you so much for the encouragement dear...:D
Cheers
dawn, aapne to fursat ke lamhon ko yoon chitrakaari aur kavita se rangeen kiyaa, bohat achaa kiyaa. mazaa aagayaa :)
Yeh Kya Rashtradoot Akhbaar key Loog hai.... please itna bataney ka kasht karey...
Kya Aap Vikram Garhwali ko jantey hai??? agar ha...to please mujhey unkey cell number is mail Id par bhejey..
creation.sudhanshu@gmail.com
Mein Garhwali sahab ka purana dost hu. Ek arsa hua unsey baat nahi hui. Agar Aap mein sey koi bhi unka cell number jaanta hai please mujhey mail karney ki kripa karey.
Aapka Dost
Sudhanshu Patni
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