अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !


 

गुज़रते वक़्त से सीखा है 

गुज़रे हुए पल, और लोग 

वो फिर नहीं आते !


मतलबी या खुदगर्ज़ी हो 

एक बार समझ आ जाए 

उनका साथ फिर नहीं देते !


पास न हों पर अच्छे हों 

बात रोज़ न हों पर सच्चे हों 

ऐसों को हमेशा साथ रखें !


हर कोई जूझ रहा ज़िन्दगी में 

टेढ़े मुह बात भी करे तुमसे

सहानुभूति रखें सभी से !


ज़िन्दगी सिर्फ चार पल की 

अहंकार में खोना न सच्चे रिश्ते 

अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !


~ फ़िज़ा 

Comments

Onkar said…
सुंदर रचना
Anita said…
सुंदर बोध देते शब्द
Dawn said…
@Onkar ji, aapka bahut-bahut abhaar!!!

@सुशील कुमार जोशी ji, aapka bahut-bahut abhaar !!!

@Anita ji, aapka behad shukriya, bahut Abhaar!!!

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