एहसास !
एहसास !
जो उस पल में रेहने संवरने के ख़ुशी में
बाकि हर पल को भूल जाने या भुला देने में
जो शायद उम्र भर फिर हो और
इस पल के बाद फिर शायद कभी न हो
इस बात का कोई आसरा न भरोसा हो
मगर उस पल में सौ बार जीने मरने का
एहसास !
वही एक पल है जो हर सीमाओं को
लांघकर तल्लीन रह जाना सिर्फ
उस एक पल के लिए जो दिला दे वो
एहसास !
जो शायद लफ़्ज़ों का मोहताज़ नहीं
जिसे सिर्फ महसूस किया जाये
ये एक सांस है जो सिर्फ ली जाए
उस सांस में जी और संभल भी जायें
एहसास !
~ फ़िज़ा
Comments
बहुत बढ़िया
धन्यवाद
जो शायद लफ़्ज़ों का मोहताज़ नहीं
जिसे सिर्फ महसूस किया जाये
ये एक सांस है जो सिर्फ ली जाए
उस सांस में जी और संभल भी जायें।।
सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई आदरणीया।
आगामी नववर्ष की अग्रिम शुभकामनायें। ।।