महीना कब शुरू हुआ कब ख़त्म
सब कुछ तो उन्नीस- बीस है यहाँ
कोविड ने इस तरह गले लगाया के
किसी से गले मिलने लायक न रखा
और इस तरह दिन-हफ्ते-महीने गुज़रे
पता चला कल हमारा जन्मदिन है
कहाँ साल के शुरुवात में थे अभी
और साल ही ख़त्म होने को चला है
यादों के कारवां में सफर करते हुए
कई मुकाम आये और गुज़र भी गए
बस विनीत और नम्रता ही साथ रहे
इन सालों में एक ही सीखा ख़ुशी
अपने अंदर ही बसती है ढूंढो नहीं
और चीज़ें कम लगती हैं हमें जब
प्रकृति बाहें फैलाकर देतीं है सब
खुश हूँ जहाँ भी हूँ मैं आज दिल से
ज़िंदादिली से जिया ज़िन्दगी को
अब सिर्फ सविनय है साथ मेरे
शुक्रगुज़ार हूँ मैं इस ज़िन्दगी का !
~ फ़िज़ा
6 comments:
इस कोरोना की वजह से तो सबकी जिंदगी रुक सी गई। बाकी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।🌻
@ शिवम् कुमार पाण्डेय : Bilkul durust farmaya aapne :) bahut dhanyavaad shubhkamanaon ka :)
नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार 9 नवंबर 2020 को 'उड़ीं किसी की धज्जियाँ बढ़ी किसी की शान' (चर्चा अंक- 3880) पर भी होगी।--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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#रवीन्द्र_सिंह_यादव
सुंदर प्रस्तुति. जन्मदिन की हार्दिक बधाई
बहुत ही सुंदर जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
@ Ravindra Singh Yadav aapka bahut bahut dhanyawaad, aabhari
@ Onkar aapka bahut bahut dhanyavaad - abhari
@ अनीता सैनी bahut bahut dhanyavaad aapka - abhari
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