कोई दूर होने के लिए दूर करता है
कोई अपनी नफरत जताने के लिए !
किसी को नीचा दिखाकर मज़ा आता है
कोई अपना बड्डपन जताकर करता है !
इंसान कहाँ तक जायेगा अहम् लेकर
खुद भी जलेगा, सिर्फ खुद ही जलेगा !
रंगमंच पर सभी आते हैं निभाने किरदार
दृश्य भी बदल जायेगा स्थल के अनुसार !
ढूंढो तो जहाँ में क्या नहीं मिल जाता
इंसान को इंसान मिलते लगती नहीं देर!
समय-समय की बात है धैर्य, सैय्यम 'फ़िज़ा'
वक़्त आएगा जहाँ में कोई तो होगा अपना वहां !
~ फ़िज़ा
No comments:
Post a Comment