Saturday, May 07, 2016

उसे इतनी ख़ुशी मिली जहां में ..!


उसे इतनी ख़ुशी मिली जहां में 
एक नफरत भरी नज़र उसे ले डूबी 
सौ खुशियों के जहां में एक दुःख 
भला वो न जी सकी न ही मर सकी 
बहुत सोचा सही या ग़लत मगर 
शान्ति और सबुरी का विचार आया 
उसने गिड़गिड़ाते ही सही साथ चाहा 
बचे हुए दिन पश्चाताप में सही पर 
एक दूसरे की नज़र में बिताएं मगर 
शायद, ये ग़लत था उसकी सोच
उसका चले जाना ही अच्छा है 
भला जो सुख नहीं दे सकता किसीको 
क्या हक़ है भला उसका रहना 
और भी हैं जहां में जो प्यार के भूखे 
शायद उन्ही की शरण में बिताए 
बचे हुए दिन!

~ फ़िज़ा 

No comments:

Garmi

  Subha ki yaatra mandir ya masjid ki thi, Dhup se tapti zameen pairon mein chaale, Suraj apni charam seema par nirdharit raha, Gala sukha t...