क्यूं मन पिघलता है जब मोहब्बत है?
मुझ से मोहब्बत को मोहब्बत है
ये जानते हुये भी के मुझे मोहब्बत है
कैसे ना रोक पाऊँ अपने आपको, मोहब्बत है
जो भी प्यार से मिले मुझे मोहब्बत है
क्यूं मन पिघलता है जब मोहब्बत है?
कैसा ये असर है कैसा खुमार ये मोहब्बत है ….
~ फ़िज़ा
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