Sunday, March 29, 2015

मोहबब्त हर किसी से नहीं होती है ....!!


कयी महीनों के दौरान उसमें 
एक बदलाव सा आया है 
हालात ने उसे अपने साथ
की आदत डलवाया है !
उसे देख बहुत दिनों बाद
मेरे अंदर एहसास जगाया है 
वो बदला तो हालात से 
मगर जज़्बात आज भी वही है !
उसकी बातें किसी से थी मगर 
उसकी मुस्कान अब भी वही है 
भोली सी बातें, भोली सी हंसी 
वही मोहब्बत की गुदगुदाहट है !
हालात कैसे भी हों आज या कल
एहसास तब भी और अब भी यही है 
दिलों में संजोये रखना ये प्यार क्यूंकि 
दुनिया से नज़र लगने का धोका है !
भुलाना नहीं ये प्यार किसी सूरत 
मोहबब्त हर किसी से नहीं होती है !!
~ फ़िज़ा 

2 comments:

Unknown said...

फिज़ा आपके लेखन और कविता मे काफी गहराई हैं. आपके कवितायें सामान्य से अलग हटकर है. इसे कायम रखे.

Dawn said...

bahut bahut shukriya padhne ka aur us per apni rai dene ka

~ fiza

करो न भेदभाव हो स्त्री या पुरुष !

  ज़िन्दगी की रीत कुछ यूँ है  असंतुलन ही इसकी नींव है ! लड़कियाँ आगे हों पढ़ाई में  भेदभाव उनके संग ज्यादा रहे ! बिना सहायता जान लड़ायें खेल में...