मुफक्किर बना दिया
जिंदगी के कई रंग और रुप होते हैं और किसी के आने या फिर जाने से भी उन्हीं रंग और रुप में भी परिवर्तन आ जाता है। ऐसे ही एक पल में बीता और अनुभवी चित्रण...इसिलाह की मुंतजी़र
जिंदगी तो हसीन ही है जाना था
परस्तार ने इसे और रंगीन बना दिया
{परस्तार = lover; worshiper}
उसकी परस्तिश में ऐसे डूबे हम
किसी परावार ने जैसे परिवाश बना दिया
{परस्तिश= worship; adoration}
{परावार= protector}
{परिवाश=angel; fairy; beauty}
घंटों बातों में डूबोकर रखना हमें
हर रंग में ढलते मोज्जाऐं जैसे दिलकश बना दिया
{मोज्जाऐं = waves}
पलभर की खामोशी जैसे मुज़तारिब कर गई
हमको तो दिवानगी में मुफक्किर बना दिया
{मुज़तारिब= restless; disturbed}
{मुफक्किर= thinker}
इस कद्र मेहाव हैं तेरी बातों में जाना
के हमें सब से मेहरूम बना दिया
{मेहाव= engrossed}
{मेहरूम= devoid of}
~ फिजा़
जिंदगी तो हसीन ही है जाना था
परस्तार ने इसे और रंगीन बना दिया
{परस्तार = lover; worshiper}
उसकी परस्तिश में ऐसे डूबे हम
किसी परावार ने जैसे परिवाश बना दिया
{परस्तिश= worship; adoration}
{परावार= protector}
{परिवाश=angel; fairy; beauty}
घंटों बातों में डूबोकर रखना हमें
हर रंग में ढलते मोज्जाऐं जैसे दिलकश बना दिया
{मोज्जाऐं = waves}
पलभर की खामोशी जैसे मुज़तारिब कर गई
हमको तो दिवानगी में मुफक्किर बना दिया
{मुज़तारिब= restless; disturbed}
{मुफक्किर= thinker}
इस कद्र मेहाव हैं तेरी बातों में जाना
के हमें सब से मेहरूम बना दिया
{मेहाव= engrossed}
{मेहरूम= devoid of}
~ फिजा़
Comments
समीर लाल
Also, some variety in the theme might not be a very bad idea. Try that :)
-- Akshaya