आओ तुम्हें इस खंडहर की कहानी सुनाऊँ
एक बार सीरिया ने अंधाधुन धावा बोल दिया
इसरायली सिपाही इस धावा के लिए तैयार न थे
नतीजा ३६ इसरायली सिपाही एक बंकर में छिपे
सीरिया के सिपाहियों ने चारों तरफ से घेर लिया
एक इसरायली बंकर से निकला हाथ ऊपर किये
कहने लगा, यहाँ कोई नहीं है सिर्फ मैं हूँ
ले चलो मुझे !
उसने ३५ सिपाहियों की जान बचायी और
खुद दुश्मनों के हवाले कर दिया,
युद्ध-बंदी के रूप में आठ साल कैद रहा,
जब बाहर निकला तो उसे पता न था के
इजराइल अभी विश्व के नक़्शे में है भी !
पुछा कहाँ जाओगे तो कहने लगा भारत !
उसे क्या पता था के इजराइल उसका
स्वागत करने के लिए बेकरार है !
शहीदों की कहानी तो शूरवीरों की मस्तियाँ
आई. डी. ऍफ़. कमांडर याकोव सेलवन की ज़ुबानी
आज वो बंकर इस हाल में है तो सोचो
उन सिपाहियों का क्या हुआ ?
हर सिपाही को मेरा सलाम , प्रणाम!
~ फ़िज़ा
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