नगीने में नगीना ...!


नगीने में नगीना 
मेरे दिल में है एक आईना 
जो आँखों से देखता है 
दिल के किस्से सफीना
खुला आसमान है 
अमन का चमन है 
खुशियों का खज़ाना 
बंटोरते सभी यहाँ
मोहब्बत का आशियाना 
नगीने में नगीना 
तेरे दिल में भी है आईना 
कभी तो झाँक के देख 
उसे भी है कुछ कहना 
तनिक तुम्हें समझाना 
आँख से आँख मिलाना 
प्रीत की खुशबु फैलाना 
कभी ख़याल आये बेगाना 
तो थोड़ा रुक कर सोचना 
नगीने में नगीना 
अपने दिल के आईने को देखना !


~ फ़िज़ा 

Comments

blogger salman said…
क्या बात है।।।। आप ऐसे ही लिखते रहें।
Dawn said…
Shukriya

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