मेरे सपनों की बुनी एक किताब
ज़िदंगी में सपने कौन नहीं देखता...और फिर उन्हीं सपनों को सच करना एक ख्वाब से बढ़कर कुछ नहीं होता, तब तक जब तक कोई आपको प्रोत्साहित नहीं करता. जी हाँ, मैं दोस्तों की बात कर रही हूँ. मैंने एक सपना देखा है अपनी कविता की एक किताब...जो के मैं अपने मित्रों और निकटजनों की सहायता से और आप सभी साथियों के आशि॔वाद से नये साल की फरवरी महीने की चौदह तारिख तक पबलिश करने का प्रयत्न कर रही हूँ. आशा है मुझे आप सभी का सहयोग प्राप्त होगा...
ज़िंदगी में एक ख्वाब
मैंने भी बुना है
मन ही मन कुछ सिला है
पुरे होने की आरजू़ है
लेकिन साथ मेरा कोई दे..!?!
इसी की आकाँशा है!
दोस्तों का साथ हो
बडों का आशि॔वाद हो
मेरे सपनों की बुनी एक किताब
कहो! है न मेरे सर पर आपका हाथ?
~फिज़ा
ज़िंदगी में एक ख्वाब
मैंने भी बुना है
मन ही मन कुछ सिला है
पुरे होने की आरजू़ है
लेकिन साथ मेरा कोई दे..!?!
इसी की आकाँशा है!
दोस्तों का साथ हो
बडों का आशि॔वाद हो
मेरे सपनों की बुनी एक किताब
कहो! है न मेरे सर पर आपका हाथ?
~फिज़ा
Comments
Humari shubkamnain aap ke saath hai.....
mere sath sath chalne ka aur housla badhane ka bahut shukriya
Cheers
Hindi Blog with songs!!!
Mazaa aa gayaa!!! I Love reading hindi poetry and literature!
Best wishes for your new publication! I hope you reach heights of success!
Shukriya aapki pasandagi ka
Cheers
Shukriya dear
Cheers
i came first time to your blog , i liked all your posts and specially your poems.
can i get your poem book - my email - vksappatti@gmail.com
Please visit my blog : http://poemsofvijay.blogspot.com/
Regards
Vijay
Hyderabad
India
दोस्तों का साथ हो
बडों का आशि॔वाद हो
मेरे सपनों की बुनी एक किताब
कहो! है न मेरे सर पर आपका हाथ?
bahut sunder rachna hai..