Tuesday, August 15, 2006

ज़िंदगी तेरे तो खेल निराले हैं

ये कविता मैंने तब लिखी थी जब लेबन्‌न में लडाई छिङ गई थी । जहॉ बच्‍चों की लाशें गिर रही थीं...और इस तरफ
एक मासूम बच्‍चा अपने पापा की ऊँगलियाँ पकड कर पारकींग लॉट पर चला जा रहा था....

ज़िंदगी तुझ से कोई शिकायत नहीं
क्‍योंकि, तुने वो सब दिया
जो कभी मैंने माँगा नहीं और
जो कभी मैंने चाहा भी नहीं
कितना इंसाफ है तेरी जूस्‍तज़ू में
जो कभी अपना तो क्‍या
पराया भी नहीं जताता
मैं सोच में रेहती हूँ ज़िंदगी
तू मेरा अपना है या पराया?
तू तो हवा का झोंका है
जो कभी ठंडी हवा से
दिल मचला दे तो
कभी तूफान बनकर
खडा हो जाऐ।
ज़िंदगी तेरे तो खेल निराले हैं
तुझे मैं क्‍या कहूँ -
आ देखें तेरी अगली चाल क्‍या है ।?।

~फ़िज़ा

11 comments:

Deepak D Jadhav said...

Well written. Will stop by again for more.

Udan Tashtari said...

बहुत सुंदर एवं मार्मिक.

समीर

प्रेमलता पांडे said...

सुंदर!-प्रेमलता

direkishore said...

well written!

ई-छाया said...

बहुत खूब।

Pavan Tyagi (पवन त्यागी) said...

beuatifull....is all i can utter this time...Subah si ho gayi isko padhkar mere mann mein...

rachana said...

badhiya!! "aa dekhe teri agali chal kya hai?" i can v much relate this line to my poem "fight" which i have written a few days back..
Life has her own ways, and I have mine,
She drags me to dark, but I will shine!!
She wants me to be a puppet- deaf and dumb,
But as always I refuse to succumb!!
As per her rules, she wants me to live,
At time she cheats, that’s what I believe!!
With my plans, she likes to play game,
When I fail she doesn’t take the blame!!
I will win or will it be she?
I have to wait, I have to see!!
From dawn to dusk,
From dusk to dawn,
My fight will be on,
The fight will be on…….

editor said...

mohtarma seher sahibaa. khayalat achchhe haiN, zindagi lafz 'moannas' hai na ki 'muzakkar' ie zindgi hoti hai, hota nahin...urdu se shayad waqif aap hongi, mazeed waqfiyat se aapki shaayri nikhar jayegi. asaatiza ka kalaam parheN...
Adnan

Unknown said...

fiza kutty - ek question, hindi mein blogging kaise karneka?? do you copy paste from hindi ms word or blogger automatically does it??

Boleneka haan .

kumarldh said...

reminds me of this
tuj se naraaz nahi zindagi, hairaan hoon main

Jagjit said...

Great Work.

अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !

  गुज़रते वक़्त से सीखा है  गुज़रे हुए पल, और लोग  वो फिर नहीं आते ! मतलबी या खुदगर्ज़ी हो  एक बार समझ आ जाए  उनका साथ फिर नहीं देते ! पास न हों...