Tuesday, December 24, 2024

ज़िन्दगी दे उम्मीद

 


ज़िन्दगी दे उम्मीद तु उसे नज़रअंदाज़ न कर 

ये ज़िन्दगी के वो ईशारे हैं जो बुलंद कर दे !


हस्के मिलो सभी से दुश्मनी कहाँ है किसी से  

खाली हाथ आये तो खाली हाथ ही जाएंगे !


दुरी रखो जहां तख़मीना हो जल जाने का 

इंसान से क्या डरना जब मरना है सबको !


रिश्ते प्यार के बन भी जाये कभी विषाक्त 

दोस्ती के नाम से हुतात्मा निरर्थक है दोस्त !


ज़िन्दगी है जब तक तू जीवित है फ़िज़ा 

मरकर भी क्या कोई जी सका है यहाँ !!


फ़िज़ा 

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