ज़िन्दगी दे उम्मीद तु उसे नज़रअंदाज़ न कर
ये ज़िन्दगी के वो ईशारे हैं जो बुलंद कर दे !
हस्के मिलो सभी से दुश्मनी कहाँ है किसी से
खाली हाथ आये तो खाली हाथ ही जाएंगे !
दुरी रखो जहां तख़मीना हो जल जाने का
इंसान से क्या डरना जब मरना है सबको !
रिश्ते प्यार के बन भी जाये कभी विषाक्त
दोस्ती के नाम से हुतात्मा निरर्थक है दोस्त !
ज़िन्दगी है जब तक तू जीवित है फ़िज़ा
मरकर भी क्या कोई जी सका है यहाँ !!
फ़िज़ा
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