ढाई अक्षर प्यार के - भाषा


मुझे कुछ कहना है तुमसे 
कहूं तो कैसे 
क्या समझ पाओगे ऐसे 
बोली तो नहीं जानते 
फिर इशारों से ही जैसे 
कहा दिया हाल दिल का 
अब हैं एक दूसरे की बाहों में 
आये अलग जगहों से 
मिले एक किनारे 
बोली जो भी हो अपनी 
भाषा प्यार की समझे 
आज बोल भी लेते हो 
क्यूंकि प्यार जो है मुझसे 
मुझे कुछ कहना है तुमसे 
कहूं तो कैसे 

~ फ़िज़ा 
#हिंदीदिवस #१४सितम्बर१९४९ 

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