कभी-कभी प्यार इंसान को उस ऊँचाई तक ले जाती है
जब वो अपने दायरे को लाँघ कर आगे निकल जाती है
फिर वो किसी एक की नहीं रेह जाती....
रोज़मरे की बातों से हटकर कुछ गुलाबी एहसासों को
पिरोने की एकमात्र कोशिश है....
आप की राय की मुंतजि़र
तुम्हारे प्यार के बरसात की एक बूँद
समेट लिया है मैंने मेरे आँचल में
आज एक बीज बनकर ही सही
कल एक कँवल बन के खिलेगा
अपनी खुशियों की दास्तान
वो सुनायेगा सभी को
दिलाकर एहसास हमारे प्यार का
वो राहगिर जगह-जगह घूम आयेगा
~फिजा़
ऐसा था कभी अपने थे सभी, हसींन लम्हें खुशियों का जहाँ ! राह में मिलीं कुछ तारिखियाँ, पलकों में नमीं आँखों में धुआँ !! एक आस बंधी हैं, दिल को है यकीन एक रोज़ तो होगी सेहर यहाँ !
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
ख़ुशी
ज़िन्दगी के मायने कुछ यूँ समझ आये अपने जो भी थे सब पराये नज़र आये सफर ही में हैं और रास्ते कुछ ऐसे आये रास्ते में हर किसी को मनाना नहीं आया...

-
लोगों की भीड़ थी पार्क में जैसे कालीन बिछी ज़मीं पे एक ठेला चलाता हुआ दिखा जो भर-भर लाशें एक-एक कोशिश करता बचाने की डॉक्टर ने पुछा और क...
-
दोस्तों हाल ही में मैंने अपना एक हिंदी में पॉडकास्ट शुरू किया है. ये पॉडकास्ट मैंने एंकर अप्प के ज़रिये शुरू किया है, जहाँ मैं रोज़ नए-नए, ...
-
औरत को कौन जान पाया है? खुद औरत, औरत का न जान पायी हर किसी को ये एक देखने और छुने की वस्तु मात्र है तभी तो हर कोई उसके बाहरी ...
3 comments:
वाह। :-)
pyar le jata hai hota hai le jati nahi hota.. u cud have used word "preet"
Kya baath hein Dawn ji
Post a Comment