मैं खुश हूँ बहुत मेरे आंसुओं पर मत जाना
ख़ुशी के आंसुओं की बात ही निराली है
तब निकलते हैं जब ख़ुशी खुद बेकाबू है
नाचूँ झुमु गाऊं ख़ुशी से कुदुं क्या करूँ
आज प्रातःकाल शुभकामनाओं के साथ
डिस्काउंट में ख़ुशी का बक्सा मिल गया
पिछले कुछ दिनों से चिंता सता रही थी
कहीं फिर से जनतंत्र की न हो जाए हार
आखिर मेरे जन्मदिन का ये उपहार मिला
मानवता का प्रतिक सम्मानित हुआ आज
ये जन्मदिन सदियों तक रहेगा मुझे याद
ओबामा के बाद आये बिडेन-हारिस सत्ता में
इतिहास रचा गया हर बार और मैं खुश हूँ
मैं इस ऐतिहासिक क्षणों का हिस्सा रही
दोस्तों की दुआएं मोहब्बत और क्या चाइये
आज का दिन धन्य है कई मायनों से
मैं खुश हूँ बहुत मेरे आंसुओं पर मत जाना
~ फ़िज़ा
ऐसा था कभी अपने थे सभी, हसींन लम्हें खुशियों का जहाँ ! राह में मिलीं कुछ तारिखियाँ, पलकों में नमीं आँखों में धुआँ !! एक आस बंधी हैं, दिल को है यकीन एक रोज़ तो होगी सेहर यहाँ !
Saturday, November 07, 2020
मैं खुश हूँ बहुत मेरे आंसुओं पर मत जाना
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3 comments:
आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 11 नवंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सुन्दर सृजन
@ Pammi singh'tripti' dhanyawaad is layak samjhne ka ! Deepawali ki hardhik shubhkamanayein
@सुशील कुमार जोशी : Aapka bahut-bahut shukriya . aapko Deepawali ki hardhik shubhkamanayein
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