Saturday, November 07, 2020

मैं खुश हूँ बहुत मेरे आंसुओं पर मत जाना



मैं खुश हूँ बहुत मेरे आंसुओं पर मत जाना 

ख़ुशी के आंसुओं की बात ही निराली है 

तब निकलते हैं जब ख़ुशी खुद बेकाबू है 

नाचूँ  झुमु गाऊं ख़ुशी से कुदुं क्या करूँ 

आज प्रातःकाल शुभकामनाओं के साथ 

डिस्काउंट में ख़ुशी का बक्सा मिल गया 

पिछले कुछ दिनों से  चिंता सता रही थी 

कहीं फिर से जनतंत्र की न हो जाए हार 

आखिर मेरे जन्मदिन का ये उपहार मिला 

मानवता का प्रतिक सम्मानित हुआ आज  

ये जन्मदिन सदियों तक रहेगा मुझे याद 

ओबामा के बाद आये बिडेन-हारिस सत्ता में 

इतिहास रचा गया हर बार और मैं खुश हूँ 

मैं इस ऐतिहासिक क्षणों का हिस्सा रही 

दोस्तों की दुआएं मोहब्बत और क्या चाइये 

आज का दिन धन्य है कई मायनों से 

मैं खुश हूँ बहुत मेरे आंसुओं पर मत जाना 


~ फ़िज़ा  

3 comments:

Pammi singh'tripti' said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" बुधवार 11 नवंबर 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

सुशील कुमार जोशी said...

सुन्दर सृजन

Dawn said...

@ Pammi singh'tripti' dhanyawaad is layak samjhne ka ! Deepawali ki hardhik shubhkamanayein

@सुशील कुमार जोशी : Aapka bahut-bahut shukriya . aapko Deepawali ki hardhik shubhkamanayein

ज़िन्दगी जीने के लिए है

कल रात बड़ी गहरी गुफ्तगू रही  ज़िन्दगी क्या है? क्या कुछ करना है  देखा जाए तो खाना, मौज करना है  फिर कहाँ कैसे गुमराह हो गए सब  क्या ऐसे ही जी...